Ashutosh Rana Poem Hey Bharat Ke Ram Jago in Sahitya Aajtak

यह कविता बॉलीवुड अभिनेता आशुतोष राणा जी द्वारा रचित एक अदभुत रचना है कविता के माध्यम से आशुतोष राणा जी देश के युवाओं को बताने की कोशिश की तुम अपने इतिहास को देखो उन्होंने ने क्या क्या किया है इस देश के लिए उससे प्रेरणा लो और तुम भी कुछ ऐसा करने का नित प्रयत्न करो । Image credit : India Today कविता इस प्रकार है - हे भारत के राम जगो, मैं तुम्हे जगाने आया हूँ, सौ धर्मों का धर्म एक, बलिदान बताने आया हूँ । सुनो हिमालय कैद हुआ है, दुश्मन की जंजीरों में आज बता दो कितना पानी, है भारत के वीरो में, खड़ी शत्रु की फौज द्वार पर, आज तुम्हे ललकार रही, सोये सिंह जगो भारत के, माता तुम्हे पुकार रही । रण की भेरी बज रही, उठो मोह निद्रा त्यागो, पहला शीष चढाने वाले, माँ के वीर पुत्र जागो। बलिदानों के वज्रदंड पर, देशभक्त की ध्वजा जगे, और रण के कंकण पहने है, वो राष्ट्रभक्त की भुजा जगे ।। अग्नि पंथ के पंथी जागो, शीष हथेली पर धरकर, जागो ...