बेटी तुम बड़ी मत होना

बेटी तुम बड़ी मत होना कुछ सवाल उठाये जायेंगे कुछ परम्पराएं दिखाई जाएँगी तुम्हारी ख़ुशी के बदले तू देवी बना दी जाएगी इनके झूठे दिलासो में अपनी हसी मत खोना बेटी तुम बड़ी मत होना समाज के ठेकेदार हर चीज़ का ठेका लेते है औरत के धर्म का ठेका लेते है औरत के शर्म का ठेका लेते है इनकी वाहियात लांछनो से दुखी मत होना बेटी तुम बड़ी मत होना बड़ी होकर न तुम कोई झूठा संसार बसाना अपने आंसू के कीमत पर न घर परिवार बसाना जिस रिश्ते में प्यार न हो उसपर सती मत होना बेटी तुम बड़ी मत होना ..।