दलित मतलब क्या ? ( Who is Dalit ? )


To whom we will call Dalit 


कौन है , ”दलित”
आज मेरे मन मे एक प्रश्न उठा कि आखिर मे ये “दलित” है क्या ?
कोई धर्म है? , कोई सम्प्रदाय है? कोई जाति है? या फिर कोई वोट बैंक?
जवाब अभी तक मिला नही /

समाज का वह हिस्सा जिसे समाज मे उचित सम्मान न मिले / जो आर्थिक व सामाजिक रूप मे विकसित न हो/तथा जिन्हे अपने अधिकारो की जानकारी ही न हो /और जो अपने अधिकारो के लड भी न सके ,
अथार्त भारतीय समाज का वह हिस्सा जो आजादी के बाद भी आजाद न हुआ है /जो समाज की प्रताडना सह्ता आ रहा हो /
उसे कहते है “दलित”

लेकिन आज के समय मे शायद दलित की पूरी परिभाषा ही बदल गयी/
आज कल तो ये सिर्फ राजनीति का हिस्सा बनकर रह गया है इस दलित शब्द का समाज से कोई मतलब ही नही है /

उदाहरण :- किसी पार्टी की कोई नेता जो उस पार्टी मे सबसे ऊँचे पद पर हो, और किसी राज्य की मुख्यमंत्री रह चुकी हो /
वो अपने आप को दलित कहती है /
मै कैसे मान लू कि वो दलित है/

दलित कोई जन्म से नही होता है बल्कि जब समाज मे उसकी अवहेलना होती है उसे उसके अधिकारो से वंचित रखा जाता है उसे शारीरिक अथवा मानसिक रूप से प्रताडित किया जाता है और वो व्यक्ति अपने साथ हो रहे इस अन्याय को सहन कर रहा हो इसके विरुद्ध कुछ न कर पा रहा हो
वो होता है “दलित”

राजनीति के लोग हम भारतीय को मूर्ख बनाया करते है और हम भी इन सबकी बातो मे आते रहते है/
समाज को अलग-अलग करके वो बहुसंख्यक समाज को अपने पक्ष मे लाने के लिये ये सब बाते कहते रहते है /न इनका दलित से कोई मतलब है और न देश से/

देश को धर्म और जाति के आधार पर बांट करके और कुछ ऐसे बयान देकर जिससे किसी की भावनाओ को ठेस पहुचे /ये हमे आपस मे लडा कर अपना फायदा लेना चाहते है /

शायद आप सब वो 2 बिल्ली और बंदर वाली कहानी भूल गये /

राजनेताओ के बोल को कभी भी दिल अथवा दिमाग मे न लो /इससे आप शारीरिक , मानसिक  व सामाजिक रूप से स्वस्थ्य रहेंगे /
आज के समय मे अगर किसी बच्चे को भी भडकाओ तो वो भी कहता है
“पानी न चढाओ मै सब जानता हू”
तो फिर आप सब क्यो नही समझ रहे है/

ये फर्जी के बयान बाजियो से मूल समस्याये दब कर मर जाती है/

मेरे पूरे लेख का उद्देश्य सिर्फ इतना है/कि किसी भी तरह से आप अपने समाज को , अपने देश को टूट कर बिखरने न दे /

वैसे भी ये नीति पुरानी हो चुकी है
“फूट डालो , राज करो”

अब तो समझ जाओ आप लोग

धन्यवाद

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