National Youth Day
स्वामी विवेकानंद का जन्म एक ऐसे काल में हुआ था जब भारतवर्ष और हिन्दू समाज अपनी पहचान ढूंढने के लिए संघर्ष कर रहा था। दिशाहीन और हीनभावना से ग्रस्त, वह समय सभी भारतीयों के लिए सैद्धान्तिक दिवालियेपन का चरम था। यूरोप, अमरीका में हिन्दुत्व को तुच्छ, अंधविश्वासी और बकवास समझा जाता था।
स्वामी विवेकानंद ऐसे चुनौतीपूर्ण समय में एक 'चक्रवाती साधु' बन कर आये जिन्होंने सभी भारतीयों में सोये हुए राष्ट्रवाद को जगाया और अपनी साँस्कृतिक और धार्मिक धरोहर के प्रति गर्व की स्थापना की। उनके गरजदार और ऊर्जापूर्ण विचारों से नेताजी सुभाषचन्द्र बोस, औरोबिन्दो घोष, महात्मा गाँधी जैसे स्वतंत्रता सैनानी प्रभावित और प्रेरित हुए। भारतवर्ष और हिन्दुत्व का लोहा विश्वपटल पर मनवाने वाले स्वामी विवेकानंद विलक्षण प्रतिभा के धनी थे। अंग्रेज़ों के अमानवीय शासन में भारतीय अपनी महान सभ्यता भूल चुके थे। स्वामी विवेकानन्द वह चिंगारी बने जिसकी आवश्यकता हमारे सोये हुए समाज को थी।
उन्होंने भारतवर्ष को एक सशक्त राष्ट्र के रूप में देखा था जो विश्व में सबसे महान बनेगा।
स्वामी विवेकानंद को उनकी जन्मतिथि पर शत शत नमन।
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