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Showing posts from 2020

बेटी तुम बड़ी मत होना

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बेटी तुम बड़ी मत होना कुछ सवाल उठाये जायेंगे कुछ परम्पराएं दिखाई जाएँगी तुम्हारी ख़ुशी के बदले तू देवी बना दी जाएगी इनके झूठे दिलासो में अपनी हसी मत खोना बेटी तुम बड़ी मत होना समाज के ठेकेदार हर चीज़ का ठेका लेते है औरत के धर्म का ठेका लेते है औरत के शर्म का ठेका लेते है इनकी वाहियात लांछनो से दुखी मत होना बेटी तुम बड़ी मत होना बड़ी होकर न तुम कोई झूठा संसार बसाना अपने आंसू के कीमत पर न घर परिवार बसाना जिस रिश्ते में प्यार न हो उसपर सती मत होना बेटी तुम बड़ी मत होना ..।

Sudha Murthy- Chairperson of Infosys Foundation & Wife of Infosys Cofounder N.R. Narayan Murthy sells Vegetables before the temple

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Today on social media a Twitter trend is made its way and This time Sudha Murthy . Yes. we are talking about Chairperson of Infosys Foundation and wife of co-founder of Infosys N.R. Narayan Murthy.  This is because of a viral post is circulating on all over social media in which she is seen selling vegetables at Sri Raghavendra Swamy Mutt in Jayanagar, Bangalore. But , According to many people , she was not selling Vegetable but doing her seva program.   I think what Sudha Murthy does is sort out and chops veggies at the Raghavendra Swami Mutt in Jayanagar Bengaluru. But yes it is an act of selflessness and service. Respect. https://t.co/gIYCJnhlJ0 — Smita Prakash (@smitaprakash) September 13, 2020   After having the wealth of nearly 2400 crores She has shown these type of gesture many times where she is seen doing these activities as she is deeply influenced by sikh's kar seva philosophy.   Every year Sudha Murthy, wife of founder Infosys, spends one day se

मेंहदावल की यात्रा

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आज़ादी के पहले से ही हल्दी, सोंठ और नील के उन्नत व्यापार को लेकर अलग पहचान रखने वाले मेहदावल कस्बे के साथ हिंदी साहित्य का गौरवशाली संस्मरण जुड़ा है। यहां के बाजारों का नामकरण हिंदी साहित्य के पुरोधा भारतेंदु हरिश्चंद्र ने किया था। उन्होंने मेहदावल यात्रा के समय यहां रुके थे और बाजारों का भ्रमण कर नामकरण किया। हिंदी साहित्य के उज्ज्वल नक्षत्र रहे भारतेंदु हरिश्चंद्र 1881 में एक निजी यात्रा में यहां आए थे। अपनी निजी पालकी से आए भारतेंदु को यहां के बाजारों का स्वरूप देखकर बड़ी प्रसन्नता हुई। रात्रि के समय में बाजार में लगे लकड़ी के खंभों पर दीपक जलता देख उनको यहां की व्यापारिक स्थिति समुन्नत होने का आभास हुआ। कस्बे के ही सम्मानित लोगों से मिलने के दौरान उन्हें पता चला कि नगर के चारों तरफ पोखरे तथा मंदिर हैं। उन्होंने अपनी मेहदावल यात्रा के बारे में अपने लेखों और कविताओं में वर्णन भी किया है। उत्तरपट्टी मुहल्ले के सेठ भदई प्रसाद के यहां उन्होने रात्रि विश्राम किया था। स्व. भदई प्रसाद के सत्तर वर्षीय पुत्र योगेंद्र प्रसाद का कहना है कि बाबूजी भारतेंदु जी के मेहदावल आने के बारे में बराबर चर्

Kashmiri Pandit : Why we should Support Establishment of Kashmiri Pundits

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I'm sure you must have read in GK somewhere about this things that which country never gets slave country status? Answer is #NEPAL🇳🇵 because it was always protected by their HINDU BRAHMIN senapati and his Forces.they were attacked by Muslim rulers and Britishers many times. (Todays America was also once salve country of British.) In similar way in North of India if Todays India is Safe its because of Kashmiri Dogra King , sikh ruler maharaja ranjeet singh and #Kashmiripundits. Islamic Invader always wanted to Make #ISHLAMICGALIYARA from west to east ( Afganistan-pakistan- kashmir- UP-BIHAR-BENGAL- BAN'DESH) This is the reason that when india is divided Jinnah asked that Area for the formation of 🇵🇰 but Indians denied & only corner parts of Country given to keep country safe in inner part. Till today some Islamist Terrorist trying to achieve that dream that's why they since 1947 ( previously done by Islamist invader) they were trying to  achieve that dream so they st

मीडिया के माध्यम से हथिनी पर भाजपा की ओछी राजनीति / Low politics over pregnant Elephant by BJP with Help of some selected Media

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दरअसल इनको हथिनी या उसके बच्चे को लेकर कोई दुख नहीं है। इनके दुख का कारण केवल यह है कि यह घटना केरल में हुई है और केरल इनके लिए वह अंगूर है जो खट्टे हैं। भगवा गिरोह के लिए केरल और पश्चिम बंगाल के साथ साथ उस हर राज्य की एक छोटी सी घटना मीडिया के सहारे बड़ा बनाने के लिए पर्याप्त है जहाँ उसकी सरकारें नहीं हैं। और जहाँ इनकी सरकारें हैं वहाँ की हर बड़ी से बड़ी घटना मीडिया और सभी सरकारी तंत्र बायकाट करके परिदृष्य से बाहर कर देती हैं। दरअसल यह शुद्ध रूप से "राजनैतिक बिज्जू" है जिनका हर उद्देश केवल राजनैतिक लाभ और हानि पर आधारित होता है , बाकी किसी से इनको ना लगाव है ना संवेदना और ना दुख है। हाथिनी को लेकर मेनका गाँधी से लेकर स्मृति ईरानी और प्रकाश जावेडकर केवल इसलिए मुखर हैं क्युँकि केरल कोविड-19 की लड़ाई जीतने वाला इस देश का पहला राज्य बन चुका है और उसने एक माॅडल प्रस्तुत किया कि शेष राज्य कोविड-19 से कैसे लड़ें। इसी बीच हाथी की घटना केरल की मिलती वाहवाही को रोकने के लिए प्रयोग में लाई गयी , और फिर इसमें मुस्लिम बाहुल्य जिले का ऐंगल घुसेड़ कर इसे मुस्लिमो की करतूत बताकर सांप्रदायिक

जातिवाद में जकड़ा हुआ सांसद

प्रवासियों को अपने घर तक सुरक्षित लाने के लिए जब आपने बेड़ा उठाया था तब काफी प्रस्सनता हुई थी कि सांसद काफी अच्छा काम कर रहे है लेकिन लिस्ट को देखकर न के  बराबर पढ़ा लिखा व्यक्ति भी बता सकता है शायद ही हिंदुस्तान में कोई ऐसा सांसद हो जो जातिगत राजनीति में इतना लिप्त है कि खुलेआम ऐसा काम कर रहा है । मेरा सवाल है कि क्या सिर्फ निषाद, साहनी या मल्लाह लोग ही संतकबीनगर नगर से बाहर काम करने के लिए जाते है ? ये पूरी तरह से गलत है लिस्ट को देख कर एक तरफ़ खुशी है कि हमारे निषाद , साहनी और मल्लाह भाई तो आ रहे है लेकिन आपकी जातिगत वाली सोच देखकर खुद से सवाल पूछने का मन हो रहा है कि संत कबीर नगर के लोगो ने कैसा इंसान सांसद के रूप में चुन लिया जो जाति से उपर उठ ही नहीं पा रहा है ? एक तो संत कबीर नगर बाहरी लोगो को पता नहीं कैसे चुनाव जीता देते है जिसको जिले का ABC भी नहीं पता । एक बाहरी होकर भी आप संत कबीर नगर लोकसभा  का सीट जीत गए  है इसको शायद आप अपनी उपलब्धि समझ रहे है । ऐसा भूल ना करे । संत कबीर नगर का सीट हमेशा नेताओ के निक्कमो बेटो या बेटियों के लिए आरक्षित नहीं रहेगा अब संत कबीर

Ashutosh Rana Poem Hey Bharat Ke Ram Jago in Sahitya Aajtak

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यह कविता बॉलीवुड अभिनेता आशुतोष राणा जी द्वारा रचित एक अदभुत रचना है कविता के माध्यम  से आशुतोष  राणा  जी  देश  के युवाओं को बताने  की कोशिश  की तुम अपने  इतिहास को देखो  उन्होंने ने क्या क्या किया है इस देश  के लिए  उससे प्रेरणा  लो  और तुम  भी  कुछ  ऐसा  करने  का नित  प्रयत्न  करो । Image credit : India Today कविता  इस प्रकार  है - हे भारत के राम जगो, मैं तुम्हे जगाने आया हूँ, सौ धर्मों का धर्म एक, बलिदान बताने आया हूँ । सुनो हिमालय कैद हुआ है, दुश्मन की जंजीरों में आज बता दो कितना पानी, है भारत के वीरो में, खड़ी शत्रु की फौज द्वार पर, आज तुम्हे ललकार रही, सोये सिंह जगो भारत के, माता तुम्हे पुकार रही । रण की भेरी बज रही, उठो मोह निद्रा त्यागो, पहला शीष चढाने वाले, माँ के वीर पुत्र जागो। बलिदानों के वज्रदंड पर, देशभक्त की ध्वजा जगे, और रण के कंकण पहने है, वो राष्ट्रभक्त की भुजा जगे ।। अग्नि पंथ के पंथी जागो, शीष हथेली पर धरकर, जागो रक्त के भक्त लाडले, जागो सिर के सौदागर, खप्पर वाली काली जागे, जागे दुर्गा बर्बंडा, और रक्त बीज का रक्त चा